what is AFSPA - Armed forces special power act -1958 | AFSPA for upsc in hindi

 AFSPA  - Armed forces special power act -1958 | AFSPA for upsc in hindi

अगर आप AFSPA आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपको Armed forces special power act आर्टिकल के संबंध में जानने की अत्यंत रुचि है अतः आपसे आशा है कि आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे
what is AFSPA  - Armed forces special power act -1958 | AFSPA for upsc in hindi
 what is AFSPA  - Armed forces special power act -1958 | AFSPA for upsc in hindi

1.  Full Form of AFSPA - 


Armed forces special power act (1958)

2. AFSPA कानून क्या है - what is AFSPA act 

  AFSPA कानून क्या है आज हम इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे चलिए शुरू AFSPA  कानून 11 सितंबर 1958 को देश की अखंडता व शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश यानी भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में लागू किया गया है यह एक विशेष कानून है इसका उद्देश्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों या मानव अधिकारों  का हनन करना नहीं है यद्यपि इसका उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षा दिलवाना है नागरिकों के क्षेत्र में फैली हिंसक गतिविधियों को रोकना है किंतु इसके नकारात्मक प्रभावों भी देखे गए हैं अथवा देखे जा रहे  हैं
इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं

AFSPA एक विशेष  कानून है जिसे भारत देश के किसी भी ऐसे छेत्र में लागू  किया जा सकता है जहां डिस्टरबेंसस या  डिस्टर्ब नामक शव्द हो यहाँ डिस्टर्ब शब्द का अर्थ  ऐसे छेत्रो से है जो धर्म जाति या समुदाय के आधार पर भारत देश की अखंडता व भाईचारे जैसे तत्वों को खतरा हो  ऐसे डिस्टरबेंस क्षेत्रो  में armed forces special power act लागू कर दिया जाता है उन क्षेत्रों में आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958 लागू किया जाता है यह जरुरी नही की वह पूरा का पूरा राज्य या केन्द्रशसित प्रदेश में लागू  हो इसको राज्य के कुछ सीमित छेत्रो में भी लागू  किया जा सकता है


अफस्पा कानून के लाभ व हानियाँ - Advantages and disadvantage of afspa


 इस कानून का उद्देश्य नागरिको  के अधिकारों का हनन करना नहीं है यद्यपि उनको  अधिकार दिलवाना है जैसे कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के प्रति हिंसक रवैया अपनाया जाता है जनजागरण के तत्वों को निष्क्रिय करके भोले भाले आम नागरिको को किसी अपने निजी लाभ के लिए प्रयोग किया जाता है और देश की शांति को भंग करने का प्रयास किया जाता है  लोगों को स्कूल जाने से रोका जाता है  लोगो को कई प्रकार की सलाह दी जाती है तो इस समस्या से निदान  के लिए सरकार को अफस्पा कानून लगाना जरूरी हो जाता है 
 अफस्पा कानून को केंद्र व राज्य सरकार किसी क्षेत्र में लागू कर सकती है  AFSPA कानून में सैनिको की एक विशेष फोर्स तैनात कर दी जाती है स्पेशल फोर्स को कम से कम तीन महीने तक  हटाया नहीं जा सकता है


अफस्पा एक्ट में सैनिको को क्या - क्या  विशेषधिकार मिलते है - what special right given soldiers in AFSPA act-1958 

  AFSPA कानून में शाम को को क्या-क्या विशेषाधिकार दिए जाते हैं आइये जानते है 
  अफ्स्पा कानून में सैनिको को कई  विशेष अधिकार दिए जाते हैं यह AFSPA for upsc के लिए भी महत्व्पूर्ण है 

1.  AFSPA कानून में  सेना को छूट दी जाती है कि सेना चाहे तो किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को वह बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है 

2. AFSPA ACT  के अंतर्गत सैनिकों को छूट  दी जाती है कि वह हिंसा को काबू करने के उद्देश्य से गोलियां भी चला सकता है यदि उसमें कोई नागरिक की मृत्यु हो जाती है तो भी सेना को बचाव  मिलता  है

 3. इस कानून  अन्तर्गत सेना  चाहे तो ऐसा क्षेत्र में जहाँ उसे संदेह हो की  व्यक्ति के घर की तलाशी ले सकते हैं तथा उनसे  कुछ  पूछताछ कर सकती है

4. इस act या कानून के अंतर्गत सेना चाहे तो किसी के घर को आतंकवादी गतिविधियों के संचालन के संदेह पर गिरा सकती है 

अफ्स्पा कानून किन किन राज्यों में लागू है - AFSPA states in india 

 अफस्पा कानून शुरुआत में सात बहने राज्य असम मेघालय त्रिपुरा मिजोरम मणिपुर नागालैंड अरुणाचल प्रदेश में लागू किया गया था इसके कुछ समय पश्चात पंजाब व हरियाणा में भी लागू कर दिया गया वर्ष 1990 में अफस्पा कानून को जम्मू और कश्मीर राज्य में लद्दाख के भाग को छोड़कर लागू कर दिया गया समय-समय पर ऐसे राज्य जहां स्थिति सामान्य नहीं हो रही है AFSPA कानून को लागू किया जा सकता है समय-समय पर लागू किया  गया है और जहां स्थिति समान हो रही हो वहां Armed forces special power act -1958  को हटाया जा सकता है जैसे वर्ष 2015 में  त्रिपुरा से Armed forces special power act को हटाना वर्ष 2018 में मेघालय से इस  कानून को हटाना आदि इसके उदाहरण हैं

 Armed forces special power act -1958   का विरोध देश में अभी तक का सबसे बढ़ा  विरोध सर्वाधिक मिजोरम की कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने किया यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ में भी इसका विरोध हुआ संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2012 में AFSPA को भारतीय लोकतंत्र में कोई स्थान ना होने की बात कही दरअसल AFSPA से कहीं ना कहीं नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन होने का खतरा रहता है जो कि एक अत्यंत बड़ी बात होती है क्योंकि किसी भी हालत में नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन तो मंजूर नहीं होता है किंतु देश में AFSPA लागू होना भी एक अत्यंत जरूरी बात है ताकि हम अपने देश की अखंडता और समानता की भावना को अच्छा बनाए रखें और शीघ्र ही AFSPA धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा किंतु वर्तमान में अभी AFSPA  को अभी पूरी तरीके से समाप्त इसलिए नहीं किया जा सकता है क्योंकि कई  उग्रवादियों द्वारा नागरिकों के प्रमुख मौलिक अधिकार शिक्षा का अधिकार जीवन जीने की स्वतंत्रता का अधिकार को चुनौती देकर उन्हें हिंसक गतिविधियों में लगाना एक नागरिकों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है अतः AFSPA को लागू करना भी जरूरी है जिन जगहों पर स्तिथि सामान्य हो चुकी है वहा Armed forces special power act -1958 हटा दिया गया है | 

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