चीनी यात्री फाह्यान और फाह्यान की भारत यात्रा - Chinese traveler Fahiyan and Fahiyan visit to india

चीनी यात्री फाह्यान और फाह्यान की भारत यात्रा - 

Chinese traveler Fahiyan visit to india


 फाह्यान कौन था और फाह्यान की भारत यात्रा अगर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह

 है कि आपको इस आर्टिकल के संबंध में जानने की अत्यंत रुचि है अतः आपसे आशा है कि आप इस Chinese

 traveler Fahiyan आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे !

चीनी यात्री फाह्यान और फाह्यान की भारत यात्रा - Chinese traveler Fahiyan and Fahiyan visit to india
चीनी यात्री फाह्यान और फाह्यान की भारत यात्रा - Chinese traveler Fahiyan and Fahiyan visit to india


 चीनी यात्री फाह्यान कौन था - who was the chinese traveler Fahiyan


फाह्यान कौन था आइये जानते है फाहियान एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु था जो कि सम्राट चन्द्रगुप्त दुत्तीय

 विक्रमादित्य  के समय पर भारत आया था

 फाहियान एक प्रसिद्ध बौद्ध बिछू था  था उसका उद्देश्य देश - विदेश से  बौद्ध धर्म ग्रंथों को एकत्रित कर उनका

 ज्ञान चीन ले जाना था वह लगभग 15 वर्षों तक भारत में रहा और भारत के अतिरिक्त उसने कई देशों की यात्रा भी

 कि इन देशों में प्रमुख थे श्रीलंका नेपाल आदि 

फाहियान  का जन्म 337 ईसवी में हुआ था तथा वह 422 ईसवी में मृत्यु को प्राप्त हुआ  फाह्यान ने  भारत चीन नेपाल

 आदि देशों के साथ-साथ एशिया के कई प्रमुख  देशों का भ्रमण भी किया और उसने बौद्ध धर्म ग्रंथों का संग्रह कर

 चीन में इसका ज्ञान पहुंचाया फाह्यान ने अपने छोटी सी उम्र में ही घर परिवार सब का त्याग कर दिया था तथा वह

 सन्यासी हो गया था वह बौद्ध धर्म के ग्रंथों को पढ़ा करता था और उनके विचारों नियमों का अच्छी प्रकार से

 पालन करता था

फाह्यान की भारत यात्रा - Fahiyan visit to india


  चीनी यात्री फाह्यान की भारत यात्रा के सन्दर्भ में कहा जाये तो फाह्यान भारत रेशम मार्ग से होकर आया था उसके

 साथ-साथ भारत आने के पहले उसका कई देशों में भी वह घूम कर आया था यधपि फाह्यान भारत जाने के लिए

 लम्बे समय से ही इंतजार में था फाह्यान की भारत यात्रा के मार्ग अत्यंत दुर्लभ भी था वह विभिन्न दुर्गम पर्वतो ,

 पठारो व बड़ी बड़ी नदियों को पार करके भारत पंहुचा था जब फाहियान विभिन्न रास्तो को पार करके भारतीय

 उपमहाद्वीप में पंहुचा था  वह स्थान जहाँ भारत में फाह्यान  सर्वप्रथम आया वह पाटलिपुत्र था

 फाह्यान की भारत यात्रा  लगभग 15  वर्षो की रही फाह्यान ने भारत यात्रा के पश्चात भारत के south में स्थित

 श्रीलंका का दौरा भी किया था उसने वहां के निवासियों को दैत्य समान बताया  था जब श्रीलंका से होते हुए समुद्री

 रास्ते से होकर फाह्यान जब अपने देश चीन वापस जा रहा था तो उसका समुद्र में उठे  एक भीषण तूफान से

 सामना हुआ जिसने उसके यात्रा मार्ग को भुलवा  दिया और और अतः फाह्यान भटकते हुए इंडोनेशिया पंहुचा वहा

 से वह अपने देश चीन पहुंचा |

फाह्यान की पुस्तक कौन सी है - fa-hiyan book about india


फाह्यान की पुस्तक का नाम क्या था दरअसल फाह्यान ने भारतीय इतिहास के बारे में  एक अत्यंत प्रमुख रचना

 लिखी यह  गुप्तकालीन  भारतीय इतिहास के बारे में अत्यंत प्रमुख  रचना थी

फाह्यान की पुस्तक का नाम  " भारत दशा का विवरण" था   फाह्यान  की यह रचना उस समय भारतीय

 उपमहाद्वीप में शासन व्यवस्था सामाजिक व्यवस्था सांस्कृतिक व्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था के बारे में बताती है अतः

 फाह्यान की यह रचना अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योकि यह न केवल भारतीय इतिहास के बारे में बताती है बल्कि यह

 रचना अत्यन्त प्राचीन इतिहास को भी समझाती है  फाह्यान ने अपनी रचना में इक अत्यंत काम यह किया की उसने

 किसी भी सम्राट के नाम को बल नहीं दिया उसने अपनी रचनाओं में जनजीवन को समझाया अतः यही कारण हे

 की उसने अपने यात्रा वृतांत में किसी भी भारतीय सम्राट का नाम नहीं लिखा किंतु उस समय  की राजनीतिक व

 आर्थिक स्थिति को जरूर अच्छी तरह समझाया

 फाह्यान की रचनाओं में गुप्त कालीन भारत के इतिहास में वर्णन मिलता है


 फाह्यान  किसके शासनकाल में भारत आया था - Fa-hiyan came to india in whose reign 

fahiyan चन्द्रगुप्त-2 विक्रमादित्य  के शासनकाल में भारत आया था चंद्रगुप्त-2 विक्रमादित्य उस समय भारतीय

 उपमहाद्वीप के प्रमुख शासकों में से एक था चंद्रगुप्त विक्रमादित्य  का नाम भी फाह्यान  ने अपनी यात्रा वृतांत में 

 नहीं लिखा किन्तु फाह्यान  ने गुप्त काल में वस्तु विनिमय प्रणाली का माध्यम कोडिया को बताया था उसने चंद्रगुप्त

 मौर्य के राजमहल को देवनिर्मित बताया |


चीनी यात्री फाह्यान और फाह्यान की भारत यात्रा के इस आर्टिकल को अत्यंत अच्छे तरीके से समझाने की

 कोशिश की गयी है अत आपको  Chinese traveler Fahiyan and Fahiyan visit to india को पढ़ने के पश्चात

 आपको भारतीय इतिहास के बारे में काफी समझ आया होगा |

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