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भारतीय राज्यों के महत्वपूर्ण त्यौहार या महोत्सव

 आज का भारत के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध महोत्सव आर्टिकल सभी एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण है अत भारत सदा से ही त्योहारों की भूमि रहा है भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है  जहां हर 50 मील पर रूप रंग पहनावा और मजहब बदल जाता है
भारत के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध महोत्सव pdf | Famous festival of india in hindi
भारत के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध महोत्सव pdf | Famous festival of india in hindi
 फिर भी हम आपसी परम्पराओ में इतनी भिन्न होने के बावजूद भी हमारी अंतरात्मा की एक आवाज सभी को एक सूत्र में बांधे रखती है 
नमन है हमारी संस्कृति को जो हमें सदैव सदाचार और अच्छे आदर्शों पर चलने को प्रेरित करती है हमारी संस्कृति ही हमारा विज्ञान है चाहे वह पृथ्वी के आकार को बताने की बात हो जो कि पृथ्वी रसातल में जाते समय पृथ्वी को गोल आकार में बराही  भगवान ने निकाला था तभी हमने बता दिया था कि पृथ्वी का आकार गोल है 

हमारी संस्कृति में ही हमारा विज्ञानं है चाहे ॐ की उपासना की बात हो बर्तमान में नासा ने अपनी एक वीडियो में कहा है कि सूर्य से उत्पन्न हो रही ध्वनि का नाम ओम है वह ओम जिसका हम हजारों वर्षों से उपासना करते आ रहे हैं वह ॐ जो हमारे मन मस्तिष्क में बसा पड़ा हुआ है  हमारे त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परम्पराओ में बाँधे रखते है 
चलिए शुरू करते हैं भारत के राज्यों के कुछ महत्वपूर्ण उत्सवों के बारे में जो कि अक्सर एग्जाम में पूछे जाते है

 

पृथ्वी की आंतरिक संरचना और उसकी विभिन्न परते 

नमस्कार दोस्तों आज हम आपसे पृथ्वी की आंतरिक संरचना के सम्बन्ध में अत्यधिक महत्व्पूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहे है  पृथ्वी की आंतरिक संरचना की लगभग सम्पूर्ण जरूरी जानकारी इस आर्टिकल को पड़ने के बाद आपको समझ आ जाएगी आशा है आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ेंगे
पृथ्वी की आंतरिक संरचना की सम्पूर्ण जानकारी
पृथ्वी (earth) की आंतरिक संरचना की सम्पूर्ण जानकारी 


 पृथ्वी पर उपस्थित स्थलीय भाग को स्थलमंडल नाम से जाना जाता है स्थलमंडल बड़ी-बड़ी तथा अत्यंत भारी या  घनत्व वाली प्लेटो तथा अन्य  पदार्थो से मिलकर बना है पृथ्वी की आंतरिक संरचना प्याज के छिलको जैसी है 
 

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

हमारी पृथ्वी की आंतरिक संरचना को प्रत्यक्ष रूप से ज्ञात नहीं किया जा सकता इसके लिए अप्रत्यक्ष विधि प्रयोग में लाई जाती है पृथ्वी की आंतरिक संरचना ज्ञात करने हेतु भूकंपीय तरंगों व ज्वालामुखीय क्रियाओ आदि का सहारा लेते हैं जिनसे पृथ्वी की संरचना की निम्न जानकारी प्राप्त होती है

 विभिन्न मानदंडों के आधार पर  पृथ्वी की आंतरिक संरचना को तीन भागों में बांटा जाता है 

1. भूपर्पटी (Crust)

भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जिसकी औसत मोटाई आईयूजीजी (IUGG ) के अनुसार 30 से 35 किलोमीटर है यह मुख्यता ठोस है 

भूपर्पटी को दो भागो में बाँटा गया हैं -

ऊपरी क्रस्ट या महाद्वीपीय क्रस्ट 

  • इसकी  मोटाई 25 से 30 किलोमीटर है 
  • इसका घनत्व 2.7 ग्राम/घनसेन्टीमीटर है 
  • यह मुख्यता ग्रेनाइट नामक चट्टान की बनी हुई है 
निचली क्रस्ट या महासागरीय क्रस्ट 


  • निचली क्रस्ट की मोटाई लगभग 5 से 10 किलोमीटर है 
  • इसका घनत्व 3 ग्राम/घनसेन्टीमीटर  है 
  • यह बेसाल्ट नामक चट्टानों से मिलकर बनी हुई है 
ऊपरी क्रस्ट व निचली क्रस्ट के मध्य की असम्ब्दता या सीमांत को कोनार्ड सीमांत कहते है 
 भूपर्पटी की गहराई पर्वतो से सर्वाधिक होती है जैसे -जैसे पर्वतो से नीचे आने लगते है तो गहराई या मोटाई  भी क्रमशः घटने लगती है समुद्रो से यह अत्यंत कम गहरी रह जाती है समुद्रो में यह बेसाल्टिक भूपर्पटी के रूप में पाई जाती है

 2. प्रावार (Mantle)

  • प्रावार या मेन्टल पृथ्वी की दूसरी परत है | 
  • यह मोह सीमांत द्वारा भूपर्पटी से अलग रहती है 
  • इसका घनत्व लगभग 5.7 ग्राम/घनसेंटीमीटर है 
  • यह 2900 किलोमीटर की गहराई तक पाई जाती है 
  • यह पृथ्वी का सबसे विस्तृत आयतन में सबसे बड़ा भाग है 
  • इसमें 700 किलोमीटर की गहराई में भूकंप लगभग समाप्त हो जाते हैं 
क्योंकि अधिक दबाव के कारण चट्टानों में सामान्यतः विस्थापन नहीं होता है इसे रेपिटी असंबद्धता या रेपिटी सीमांत द्वारा अलग किया जाता है 

3. क्रोड (Core)

क्रोड का विस्तार 6371 किलोमीटर तक पाया जाता है जो मुख्यता दो भागों से बना है 
बाह क्रोड  और आंतरिक क्रोड 

 बाह क्रोड 

बाह क्रोड का विस्तार 5150 किलोमीटर तक है जो मुख्यतः तरल अवस्था में रहता है  इसका घनत्व लगभग 10ग्राम/घनसेंटीमीटर है 

आंतरिक क्रोड 

आंतरिक क्रोड का विस्तार 5150 किलोमीटर से 6370 किलोमीटर तक है यह मुख्यता ठोस  अवस्था में पाया जाता है तथा घनत्व लगभग 13.6ग्राम/घनसेंटीमीटर है 

पृथ्वी के क्रोड़  का तापमान 5000 डिग्री सेल्सियस से 6000 डिग्री सेल्सियस तक होता  है निकिल और आयरन की अधिकता के कारण इसे नीफे भी कहा जाता है तो मैंटल से गुटेनवर्ग सीमांत द्वारा क्रोड अलग होता है जबकि बाह क्रोड़ एवं आंतरिक क्रोड को लेहमन सीमांत अलग करता है 

 यह पृथ्वी का सबसे आधुनिक वर्णन था 

यूरोप के देश ऑस्ट्रिया के भौगोलिक जानकर स्वेज ने पृथ्वी के आंतरिक संरचना को उनमे पाए जाने बाले पदार्थो की  मात्रा के आधार पर निम्न भागो में बाटा -
  1. सियाल - ऊपरी भाग को सियाल अथार्त सिल्का व एल्युमीनियम की अधिकता के कारण 
  2. सीमा - मध्य भाग को सीमा अथार्त सिल्का और मेग्नीशियम की अधिकता के कारण 
  3. नीफे - सबसे आंतरिक भाग को अथार्त निकिल और आयरन की अधिकता के कारण 
पृथ्वी का अगला मंडल पढ़े - वायुमंडल 

उम्मीद करते है दोस्तों यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा | 

वायुमंडल किसे कहते है वायुमंडल की परते और संगठन - Atmosphere in hindi


 आप वायुमंडल और उसका संगठन आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपको इस आर्टिकल के संबंध में जानने की रुचि है अतः आपसे आशा है कि आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे

 हमारे सौरमंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर वायुमंडल, स्थलमंडल, तथा जल मंडल  संतुलित अवस्था में मौजूद हैं जिससे एक नया मंडल जैव मंडल  का उदय संभव हो सका है यह सभी मंडल एक दूसरे को किसी ना किसी रूप में प्रभावित जरूर करते हैं 
जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने पर पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है ग्लेशियर पिघलते हैं और जल मंडल में जल का स्तर अपने आप बढ़ने लगता है यदि जल मंडल में  प्रदूषण हो जाए तो जीवमंडल पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है क्योंकि समुद्र में पाए जाने वाले शैवाल , लाइकेन अथवा समुद्री घास नष्ट हो जाती है जिससे समुद्री जीवो का भोजन खत्म हो जाता है वे या तो पलायन कर जाते हैं या वही खत्म हो जाते हैं 
वायुमंडल किसे कहते है वायुमंडल की परते और संगठन - Atmosphere in hindi
वायुमंडल की परते और उसका संगठन - Atmosphere in hindi


अतः उपरोक्त विवेचना से स्पष्ट है कि सभी मंडल एक दूसरे को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित जरूर करते हैं फिर भी इनका कुछ मानदंडों के आधार पर अलग अलग अस्तित्व जरूर है

वायुमंडल क्या है व इसका संघठन कैसा है 


वायुमंडल पृथ्वी के 4 मंडलो  में से एक प्रमुख मंडल है वायुमंडल जैवमंडल  के लिए में अति महत्वपूर्ण है क्योंकि वायुमंडल में 78 % नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य गैसे विभिन्न मात्रा में पायी जाती है 
ऑक्सीजन जहाँ प्राणियों के लिए जीवनदाई गैस है वही नाइट्रोजन जीव जगत की वृद्धि के लिए आवश्यक है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अल्पमात्रा  पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हेतु अति आवश्यक है 

विभिन्न मानदंडों के अनुसार वायुमंडल को हम पांच भागों में बांटते हैं 

1. क्षोभमंडल 
2. समतापमंडल 
3. मध्यमंडल 
4. आयनमंडल 
5. बह्माण्डल 

1.  क्षोभमंडल क्या है इसका महत्व समझाओ 

क्षोभमंडल का सभी मंडलो में अति महत्वपूर्ण स्थान है पृथ्वी तल से इसकी ऊंचाई 8 से 18 किलोमीटर है धुर्वो पर क्षोभमंडल की ऊंचाई लगभग 8 किलोमीटर तथा भूमध्य रेखा पर क्षोभमंडल की ऊंचाई 18 किलोमीटर है 
इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं 

 वायुमंडल के यही भाग क्षोभमंडल में प्राणी और जीव जंतु जगत सांस लेता है क्षोभमंडल में ही सभी मौसमी घटनाएं जैसे  बरसा बूंदा-बांदी  आदि घटित होती है क्षोभमंडल में प्रति 1000 मीटर की ऊंचाई तक लगभग साढ़े 6 डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो जाता है ताप का इस तरह कम होना को सामान्य ताप पतन दर कहते है क्षोभमंडल की यही सबसे प्रमुख विशेषताएं  है | 

 2. समतापमंडल 

 समताप मंडल वायु मंडल की दूसरी परत  है जो 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली है इसकी प्रमुख विशेषताएं व महत्व इस प्रकार हैं 
समताप मंडल मौसमी संबंधित सभी घटनाओं से लगभग मुक्त रहता है इसलिए यह परिस्थिति हवाई जहाज उड़ाने हेतु उपयुक्त रहती है अतः हवाई जहाज उड़ाने हेतु समतापमंडल का प्रयोग किया जाता है 
समतापमंडल में ही अधिकांश ओजोन गैस पाई जाती है जो 310 नैनोमीटर से कम तरंगधैर्य वाली सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को लगभग 93 से 95 % भाग अवशोषित कर लेती  है 
और जैव  जगत को कई गंभीर बीमारियों से बचाती है जैसे त्वचा का कैंसर बीजों का अंकुरण ना होना पौधों की वृद्धि रुकना आदि

क्षोभमंडल और समताप मंडल वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं वायुमंडल में पाई जाने वाली कुल वायु का लगभग 99% भाग 32 किलोमीटर अर्थात समताप मंडल तक ही पाया जाता है यद्यपि वायुमंडल लगभग 10,000 किलोमीटर तक विस्तृत है 
इस विस्तार में सिर्फ हल्की गैसों की पतली परते ही तैरा करती  हैं क्षोभमंडल और  समताप मंडल में 10 से 50 किलोमीटर के दायरे में लगभग वायुमंडल की 91 % ओजोन गैस  पाई जाती है ओजोन गैस की इस अधिकता के कारण इसे  ओजोन परत भी कहा जाता है 
इसकी खोज फेब्री चाल्स और हेनरी बुसोन ने की थी डोबसन ने  इसका विस्तृत अध्ययन किया इसलिए इसकी इकाई डोबसन रखी गई 

वायुमंडल में जलवाष्प की औसत मात्रा शून्य से 4 % पाई जाती है जिसका 99% भाग सिर्फ 0 से 5 किलोमीटर के दायरे में ही पाया जाता है

-शनि गृह के बारे में 

--सूर्य की रोचक जानकारिया 

 मध्य मंडल 

मध्य मंडल का विस्तार लगभग 62 किलोमीटर तक है इसकी सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि आकाश से गिरता हुआ कोई भी उल्कापिंड मध्य मंडल तक आते-आते नष्ट हो जाता है

आयनमंडल 

 आयनमंडल भी वायुमंडल का एक प्रमुख मंडल है जोकि 62-640 KM तक पाया जाता है इसकी प्रमुख महत्व्पूर्ण तथ्य निम्नलिखित है 
पृथ्वी से भेजी रेडियो तरंगे आयनमंडल से ही परावर्तित होकर वापिस आती है जिससे रेडियो टेलीविज़न आदि संचार के साधनो का संचार संभव हो सका है 
ऑरोरा ऑस्ट्रियालिस , ऑरोरा बोरियालिस अथार्थ उत्तरी धुर्वीय और दक्षिणी धुर्बीय ज्योति के नाम से भी जाना जाता है जोकि आयनमंडल की घटनाये है 

-अब्राहम लिंकन की रोचक जीवनी 

बह्माण्डल 


यह वायुमंडल  अंतिम परत है जोकि 640 किलोमीटर से प्रारम्भ होती है इस मंडल में सबसे हलकी जैसे तैरती रहती है 


Vitamin C kya hai इससे इम्युनिटी कैसे बढ़ाये, स्त्रोत और लाभ:


अगर आप विटामिन C क्या है आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपको इस आर्टिकल के संबंध में जानने की अत्यंत रुचि है अतः आपसे आशा है कि आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे
विटामिन C क्या है जाने स्रोत और इम्युनिटी, स्किन के लिए क्यों जरूरी है
विटामिन C क्या है स्रोत और इम्युनिटी, स्किन के लिए क्यों है


 विटामिन एक प्रकार की कार्बनिक योगिक होती है इनसे शरीर को कोई भी उर्जा प्राप्त नहीं होती है अपितु यह शरीर की उपापचय और रासायनिक क्रियाओं के लिए आवश्यक होती हैं इनकी कमी से शरीर को विभिन्न प्रकार के रोग हो सकते हैं इसलिए विटामिंस को रक्षात्मक पदार्थ के नाम से भी जाना जाता है जल में घुलनशीलता के आधार पर विटामिन दो प्रकार की होती है 

जल में घुलनशील विटामिन (वसा में अघुलनशील ) - B , C

जल में अघुलनशील विटामिन ( वसा में घुलनशील )- K , E , D , A 


विटामिन C क्या है

विटामिन C विटमिंसों के परिवार की यह खास विटामिन है यधपि हर विटामिन की शरीर को आवश्यकता पड़ती है विटामिन्स के आभाव में शरीर रोगग्रस्त हो जाता है किन्तु इन सभी विटमिंसों में विटामिन C  क्यों है खास आइये जानते है 

यह जल में घुलनशील तथा वसा में अघुलनशील एक प्रमुख विटामिन है यह हमारे शरीर में कई तरह से कार्य करती है यह  का तक संदेश पहुंचाने कोशिकाओं तक ऊर्जा का प्रवाह करने के लिए या है यह विटामिन कोलेस्ट्रॉल नामक बसा को भी शरीर की रक्त वहाँनियों में जमने से बचाती है विटामिन सी जहां कहीं भी मौजूद होती है वहां लोह तत्व की भी प्रधानता होती है जैसे कि आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्त्रोत है और आंवला आयरन का भी प्रमुख स्त्रोत है

 एक स्वस्थ मनुष्य को कितने मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है ?

ANSWER -

 एक स्वस्थ मनुष्य को औसत 80 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है
अथार्त पुरुषो के लिए 90 मिलीग्राम और महिलाओ के लिए 70 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है 

ध्यान रहे विटामिन सी को अधिक मात्रा में सेवन करने से आप कई दुष्प्रभाव का सामना कर सकते है लगभग 1000 मिलीग्राम विटामिन सी का प्रयोग आपको रोगी बना सकता है आप डायरिया , उलटी , सिरदर्द और पेटदर्द आदि का सामना कर सकते है | 

 विटामिन सी के प्रमुख स्त्रोत कौन-कौन से हैं ?

ANSWER-

 विटामिन सी के प्रमुख स्त्रोत साइट्रिक कुल  के फलो  जैसे नीबू संतरा नारंगी आदि है विटामिन सी खट्टे और रसदार फलों में पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है 

इसके अतिरिक्त विटामिन सी  केला, अमरूद, मूली के पत्ते, पुदीना पालक, बंद गोभी आदि में पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होती है विटामिन सी अंकुरित अनाज में भी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होती है

 विटामिन सी की आवश्यकता और विटामिन सी की कमी से होने वाले Skin रोग

ANSWER-

 विटामिन सी से विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हो जाते हैं व्यक्तियों के मुंह में बदबू आने की समस्या भी

 विटामिन सी की कमी के कारण होती है 

विटामिन सी के कारण लोगों के चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ने लगती हैं

 विटामिन सी के कारण स्कर्वी नामक रोग हो जाता है इसमें पैर और शरीर के अन्य भागों में चकत्ते भी पड़ जाते हैं

विटामिन सी त्वचा और हड्डियों के गठन के लिए अति आवश्यक है इसकी कमी से त्वचा फटने लगती है और चेहरे पर झुरिया पड़ने लगती है इसलिए हमें आवश्यक है की हम विटामिन सी से युक्त भोजन का सेवन करे ध्यान रहे

 विटामिन सी शरीर में संचित नहीं होती है इसलिए हमें विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थो का नियमित रूप से सेवन करे| 

विटामिन सी हमारी इम्युनिटी को बेहतर बनाती है जैसा हम पहले बता चुके है की विटामिन सी कोलस्ट्रोल नामक खराब वासा को रक्तबाहिकाओ में जमने से रोकती है जिससे व्यक्ति का ब्लडप्रेसर स्तर सही बना रहता है और व्यक्ति ह्रदयघात और स्ट्रोक आदि का शिकार नहीं होता है | 
  
यह भी पढ़े ;

1.  जाने क्या है वैक्सीन या टीका 

2   GK Quiz 

आपसे आशा है आपको विटामिन C क्या है जाने स्रोत   रोचक आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा आशा करते है इसके बाद आपको अन्य कही समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी |  

वैक्सीन या टीका क्या है | DNA Vaccine क्या होती है 

अगर आप Vaccine औऱ डीएनए वैक्सीन  kya hai  आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपको इस आर्टिकल के संबंध में जानने की अत्यंत रुचि है यह आर्टिकल आपको बहुत ही नई और रोचक जानकारी देने बाला है अतः आपसे आशा है कि आप Vaccine in hindi के इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे


वैक्सीन या टीका क्या है - Vaccine kya hai 

सामान्य वैक्सीन बनाने की तकनिकी में हम ध्यान रखते है की जिस रोग की वैक्सीन बनानी होती है उसी रोग के रोगाणु मरी या अधमरी अवस्था में उपयोग में लाते है 

वैक्सीन बनाने के लिए औधोगिक स्तर पर तथा अनकूल तापमान पर जीवाणुओं का सञ्जनन किया जाता है यदि जीवाणुओं को मरना जरूरी हो तो तापमान बड़ा दिया जाता है गरम जल द्वारा लगभग 60 डिग्री तापमान पर जीवाणुओं को निर्जीव अथवा अधमरा कर दिया जाता है 

वैक्सीन या टीका क्या है | DNA Vaccine in hindi
वैक्सीन या टीका क्या है | DNA Vaccine in hindi 

फिनोल का 1% विलयन एंटीसेफ्टिक होता है यदि फिनोल की मात्रा किसी विलयन में इससे अधिक बड़ा दी जाये तो विलयन एंटीबायोटिक की भाती कार्य करने लगता है 

वैक्सीन बनाने में यदि जीवाणुओं की सक्रियता कम करने के लिए  वैज्ञानिको द्वारा फिनोल का भी उपयोग करते है यहाँ फिनोल एंटीसेफ्टिक की तरह नहीं अपितु रोगाणुनाशक की तरह उपयोग में लाया जाता है 

आवश्यक परिछणो द्वारा वैक्सीन की शुद्धता, साइड इफ़ेक्ट , तथा वैक्सीन की प्रतिरक्षण शक्ति का पता लगाया जाता है 

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है की जब किसी वैक्सीन को किसी व्यक्ति के लगाया जाता है तो उसी रोग के रोगाणु शरीर में जाते ही हमारी WBC द्वारा भारी संख्या में एंटीबाडी ( उन रोगाणुओं से लड़ने की छमता बनाना ) बनाई जाती है  चूँकि रोगाणु मृत अवस्था में होते है इसलिए शरीर को प्रभवित नहीं करते है और शरीर में उस रोग के रोगाणु के प्रति एंटीबाडी भी तैयार हो जाती है 

अब भविष्य में उसी रोग के रोगाणु प्रभावी अवस्था में शरीर पर आक्रमण करते है तो शरीर को प्रभवित ही नहीं कर पाते क्योकि शरीर में पहले से ही एंटीबाडी बनी हुई है 

कोई भी वैक्सीन की सफलता के लिए यह जरूरी होता है की वैक्सीन के नकारात्मक प्रभाव को भी पता कर लेना क्योकि वैक्सीन में जो रोगाणु प्रयुक्त किये गए है वह साइड इफ़ेक्ट या अन्य कोई नकारात्मक प्रभाव दर्शा सकते है 

इसलिए वैक्सिन औसधी निर्माण अधिनियम के नियमो का पालन किया जाता है कड़ी मेहनत के बाद किसी रोग की वैक्सीन हाथ लग पाती है 


क्या है डीएनए वैक्सीन (DNA vaccine) ?

सोचो यदि ऐसी वैक्सीन की कल्पना की जाये जो लगभग 100 % साइड इफ़ेक्ट फ्री हो तो बात ही अलग होगी 

जी हाँ वह हो सकती  है DNA वैक्सीन ! वैज्ञानिको ने ऐसी ही वैक्सीन की कल्पना की जिसमे वह काफी हद तक सफल  हो रहे है 

DNA vaccine में सीधे उस रोग के रोगाणुओं का प्रयोग नहीं  करते बल्कि उनसे  प्राप्त विशेष जिनो का प्रयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने के लिए किया जाता है 

किसी रोगाणु के विरुद्ध डीएनए टीके बनाने के पहले उस जीवाणु के जीन की पहचान  की जाती है जो एंटीजन की भाती कार्य  करता है 

ये जीन जीवाणु से प्राप्त प्लाज्मिड नामक DNA की छोटी श्रखला  में समाहित कर दिए जाते है 

इस प्रकार तैयार प्लाज्मिड ही डीएनए टीका कहलाता है इससे अनचाहे संक्रमण की आशंका नहीं रहती क्योकि इनके प्रयोग से जीवाणु से उत्पन्न करने बाले भिवन्न अन्य जीनो(~ गुणों ) का अभाव होता है 

 भारत के राष्ट्रीय उद्यान की सूची | National Park of India in hindi (list)

यह आर्टिकल भारत राष्ट्रीय उद्यान और उनकी विभिन्न रोचक तथ्यों के बारे में है यह सभी प्रतियोगी एग्जाम में आते है आशा करते है आप  भारत के राष्ट्रीय उद्यान की सूची को जरूर ध्यान से पूरा पड़ेगे चलिए स्टार्ट करते है National Park of India in hindi (list) | 

राष्ट्रीय उद्यान किसी भी देश की प्राकृतिक सम्पत्ति होते है भारत में प्रथम राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936  ईस्वी में हेली नेशनल पार्क के रूप में की गई इसका नाम बाद में बदलकर जिम कार्वेट कर दिया गया जोकि उत्तराखंड में स्थित है 
भारत के राष्ट्रीय उद्यान की सूची | National Park of India in hindi (list)
 भारत के राष्ट्रीय उद्यान की सूची | National Park of India in hindi (list)


वर्ष 1970 तक देश मात्र पांच राष्ट्रीय उद्यान थे अब समय था देश में प्राकृतिक संपत्ति को बढ़ावा देने का, सरकार को पर्यावरण के छेत्र में कुछ करने का 

वर्ष 1972 में भारत ने वन्यजीव सरक्षण अधिनियम और परियोजना को लागू किया ताकि देश में संकट ग्रस्त वन्य जीव प्रजातियों की रक्षा की जा सके 

वर्ष 2019 तक देश में राष्ट्रीय उधानो की संख्या 104 थी जोकि भारत के सम्पूर्ण छेत्रफल के 1.23 % भाग पर फैले हुए है 

प्रतियोगी एग्जाम के लिए भारत के राष्ट्रीय उद्यान से पूछे गए प्रश्न 

1 . भारत में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में है ?

  भारत में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान  मध्यप्रदेश में है जिनकी कुल संख्या 11 है  

2. भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान का नाम क्या है व यह कहाँ स्तिथ है ?  
     
  भारत में सबसे बड़ा  राष्ट्रीय  उद्यान  हिमिस नेशनल पार्क है जोकि लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के सबसे उत्तर में स्तिथ राष्ट्रीय उद्यान है यह  हिम तेन्दुए   के लिए जाना जाता है यह भारत का सबसे अधिक ऊँचे पर स्तिथ राष्ट्रीय उद्यान है इसका वर्तमान छेत्रफल 4400 वर्ग किलोमीटर  है छेत्रफल की द्रष्टि से यह सम्पूर्ण दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान भी है | 

3.  सालिम अली राष्ट्रीय उद्यान भारत के किस राज्य में है ?

    सालिम अली राष्ट्रीय उद्यान भारत देश के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में स्तिथ है सलीम अली  के नाम पर इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम पड़ा   सालिम अली एक पच्छी विज्ञानी थे इन्होने पछियो की कई प्रजातियों को खोजने में मदद की  इसलिए इन्हे बर्ड मेन ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता था | 

4.  दचिगाम राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्तिथ है ?

दचिगाम नेशनल पार्क जम्मूकश्मीर राज्य के श्रीनगर से 22 km दूर स्तिथ एक अतिसुन्दर राष्ट्रीय उद्यान है  इस राष्ट्रीय उद्यान की सबसे खास बात यह है की यह  कश्मीरी हिरण या हंगुल के घर के तौर पर इसे जाना जाता है 

5. भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान वर्तमान नाम जिम कार्वेट में कौन सी नदी बहती है ?

 भारत के उत्तराखंड में स्तिथ जिम कार्वेट नेशनल पार्क जिसकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी ने मैन vs वाइल्ड कार्यक्रम के तहत बेयर ग्रिल्स के साथ यात्रा कर चुके है यात्रा में उन्होंने जिम कार्वेट नेशनल पार्क की नदी रामगंगा को पार भी किया था 

6. गिर राष्ट्रीय उद्यान भारत के किस राज्य में स्तिथ है ?

भारत के गुजरात राज्य में स्तिथ गिर राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान यह अफ्रीका के बाद दुनिया का ऐसा एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जहाँ आप शेरो को खुला हुआ आसानी से देख सकते है यह पूरी एशिया में में शेरो के एकमात्र निवास स्थान के रूप में जाना जाता है जूनागढ़ गिर के सबसे पास स्तिथ गुजरात का प्रमुख शहर है 

7 .  भारत का एकमात्र तैरता नेशनल पार्क कौन  सा है ?

भारत का एकमात्र तैरता नेशनल पार्क केबुल लम्जाओ है जोकि मणिपुर के इम्फाल में स्तिथ है 

8.  किस राष्ट्रीय उद्यान को पछियो  हेवन कहा जाता है ?

केवलादेव घाना नेशनल पार्क को भारत में पछियो के सवर्ग के  रूप में जाना जाता है यहाँ पर रूस के साइबेरिया छेत्र के सारस प्रजनन करते है 

GK QUIZ -   CLICK

भारत के अन्य प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानो की सूची | List of National Park in  India


क्र.     नेशनल पार्क का नाम          राज्य 

1        दुधवा                      -         उतरप्रदेश 

2        बांदीपुर                   -         कर्नाटक 

3         मानस                      -       असम 

4.        काजीरंगा                 -       असम 

5.        वोरिबिली                 -        महाराष्ट्र 

6.        कान्हा किसली        -          मध्यप्रदेश 

7.       डाचीगम                -           जम्मू-कश्मीर 

8.        किश्तवाड़                     -     जम्मू-कश्मीर 

9.       बांधवगढ़                      -      मध्यप्रदेश 

10.    नागरहोल                -                 कर्नाटक 

11.    रोहिला                   -                हिमांचल प्रदेश 

12.   सुंदरबन                -               पश्चिम बंगाल 

13.    भगवान महावीर       -           गोवा 

14.    किबुल लामजाओ      -           मणिपुर 

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राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण में अंतर -

राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण में यह अंतर होता है  की  राष्ट्रीय उद्यान पूर्णता सरकार के द्वारा नियंत्रित रहते है यहाँ निजी हस्तछेप नाम मात्र का ही रहता है राष्ट्रीय उद्यानों में विभिन्न दुर्लभ भी प्रजातिया होती है नेशनल पार्क  संख्या 104 है 

जबकि अभ्यारण सरकार के आंशिक नियंत्रण में होते है इनमे आम लोगो का आना जाना रहता है लोग अभ्यारण में पशु भी चराते है वर्तमान में अभ्यारणों की कुल संख्या 51  है


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