भारत देश के नामों का इतिहास History of indian country names -
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भारत देश के नामों का इतिहास History of indian country names पर चर्चा होती है तो महान तपस्वी रिषव के
पुत्र भरत की याद आ जाती है जिनके नाम पर भारत का नाम पडा यहा तक की सम्भिधान निर्माताओं ने अपने
सम्भिधान में देश का नाम भारत अथार्त इंडिया नाम के शव्दो से संभोधित किया आइये कुछ ऐसा है इंडिया और
के नाम का इतिहास अत आप पूरा आर्टिकल पड़ने के बाद सारी बात समझ जाओगे
चलिए जानते हैं इसके लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ो भारतवर्ष जोकि उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र
तट तक विस्तृत है वहीं पश्चिम में गुजरात के मोती गांव से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक विस्तृत है भारत ना केवल
अपनी भौगोलिक विशेषताओं के लिए भी जाना जाता रहा है बल्कि भारत अपने धार्मिक रीति-रिवाजों त्योहारों
एवं अन्य सांस्कृतिक परंपराओं के लिए भी पहचाना जाता रहा है तीन ओर से समुद्र से घिरा यह भारत देश जिसे
महाकाव्य तथा पुराणों में भारतवर्ष या भरत का देश तथा वहां के निवासियों को भारतीय अथार्त भरत की
संतान कहा गया है भारत देश का नाम के पीछे का राज यह है कि भारत एक प्राचीन कबीलाई क्षेत्र का नाम था
भारतीय लोग भारतवर्ष को जम्मू दीप के नाम से भी पुकारते हैं यह हम रामायण महाकाव्य के लव कुश कांड से
भी देख सकते हैं जम्बूदीप नाम का भी एक अर्थ है जिसका अर्थ निकलता है कि जम्मू अर्थात जामुन वृक्षों का
द्वीप
प्राचीन समय में भारत नाम का इतिहास -
प्राचीन इतिहासकरो की माने तो प्राचीन ईरानी इसे सिंधु नदी के नाम से जोड़ते है वास्तव में वे सिंधु नदी को सिंधु
न कहकर हिन्दू कहते थे यही नाम का प्रसार पूरे पश्चिम में हो गया संसार के सबसे सांस्कृतिक समृद्धशाली देश
को देश के पश्चिम में स्थित एक नदी के नाम से जाना जाने लगा ( क्योकि ईरानी व अन्य पशिचमी देशवासी भारत
में जब व्यापार करने आते थे तो सबसे पहले इसी नदी को पार करते थे ) और अरब इसे भाषा के आधार हिन्द
कहने लगे मध्यकाल में इसे हिंदुस्तान कहा जाने लगा जोकी फारसी शव्द हिन्दू से बना मन गया है
योरोपियन इसे अपनी भाषा के आधार पर इन्दे नाम से पुकारने लगे इन्दे को अग्रेज अपनी भाषा में इंडिया नाम से जानने लगे
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