धूमकेतु (the comet)क्या है हेली धूमकेतु (heli dhoomketu)

  धूमकेतु (the comet)क्या है हेली धूमकेतु (heli dhoomketu)


 धूमकेतु (the comet)क्या है हेली धूमकेतु (heli dhoomketu) क्या है धूमकेतु  पूँछ क्या है अथवा धूमकेतु

को पुच्छल तारा क्यों कहते है आदि इस आर्टिकल को पूरा पड़ने के बाद आज आपकी  समझ में आ जायेगा

क्योकि आप देख रहे है
             
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 धूमकेतु (the comet)क्या है 

 धूमकेतु (the comet)क्या है हेली धूमकेतु (heli dhoomketu) , heli dhoomketu , dhoomketu


             हमारे  सौरमंडल  में पाए जाने वाले ऐसे पिण्ड जो मुख्ता ठोस पदार्थो जैसे - ठोस वर्फ, धुल कणो  तथा

अन्य तत्वों जैसे सल्फर आदि  मिलकर बने होते है  जो अनियमित कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं अर्थात

 इनकी कक्षा निश्चित नहीं होती है  या तो ये वृत्ताकार अथवा  दीघ्रवृत्ताकार अथवा अनियमित आकर में सूर्य की

 परिक्रमा करते हैं लेकिन हर धूमकेतु का सूर्य के  पास से गुजरने का समय निश्चित होता है जैसे हेली धूमकेतु

 (heli dhoomketu) जो 76 वर्ष के पश्चात दिखाई देता है 1986 में हेली धूमकेतु (heli dhoomketu) दिखाई दिया

  था और अब  2062 में दिखाई देगा  अतः  धूमकेतु का सूर्य के पास से गुजरने का समय निश्चित होता है

 वे सभी धूमकेतु जो सूर्य के समीप होता है वह लगभग  6 से अधिकतम 200 वर्ष में  सूर्य के पास से गुजरते हैं यह

 समय  सूर्य से दूरी पैर निर्भर करता है जैसे  कुछ धूमकेतु जो सौर मंडल के छोर पर स्थित हैं वह लगभग कई 

हजारों साल भी लगा लेते हैं

धूमकेतु के भाग -

 धूमकेतु के मुख्यता 3 भाग होते हैं


  1. नाभि 
  2. कोमा या मध्य भाग 
  3. धूमकेतु की पूंछ 

  धूमकेतु का नाभि  वाला भाग  होता है जो मुख्ता  ठोस भाग से निर्मित होता है यही धूमकेतु का सबसे प्रमुख

 भाग होता है 

दूसरा धूमकेतु का कोमा या मध्य भाग होता  है यह मुख़ता गैसीय  पदार्थों से और धूल कणों से निर्मित होता है

 अतः यही धूमकेतु का नगण्य वायुमंडल भी होता है

 तीसरा धूमकेतु का भाग धूमकेतु की पूंछ होती है जब कोई धूमकेतु सूर्य के पास से गुजरता है तो  धूमकेतु का

वाष्पीकरण बढ़ जाता है और धूमकेतु की पूंछ वाले भाग का आकार कई करोङो मील हो जाता है अतः  हम

धूमकेतु को पूछल तारे के नाम से भी जानते हैं  धूमकेतु की पूंछ मुख्ता कई गैसीय पदार्थो  और भारी संख्या में

 धूल के कणों का संग्रह है  जोकि सूर्य की रोशनी के कारण चमकीली दिखाई देती है  धूमकेतु की पूंछ यह देखने

 से हम यह अनुमान लगा लेते हैं कि धूमकेतु सूर्य से दूर होता जा रहा है  किंतु धूमकेतु की पूंछ सूर्य के समीप

 आने पर ही विस्तृत होती है सूर्य से दूर जाने पर पूछ प्रायः समाप्त हो जाती है अतः दिखाई नहीं देता है

हेली धूमकेतु (heli dhoomketu) लगभग 15*08*08 (किलोमीटर ) है |





                 

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