स्वेज नहर (suez cannel) की सामान्य जानकारी
इस आर्टिकल में हम स्वेज नहर (suez cannel) , स्वेज़ नहर का निर्माण , स्वेज नहर (suez cannel) की लम्बाई
तथा चौड़ायी अदि पैर चर्चा करेंगे
स्वेज नहर (suez cannel)-
दरअसल यूरोप वासियों को भारत एवं अन्य एशिया के देशों से व्यापार करने के लिए अटलांटिक
महासागर से होते हुए अफ्रीका के तट के सहारे एशिया में प्रवेश कर पाते थे आतः व्यापार करने के लिए यह
मार्ग साधारणता अत्यंत बड़ा था व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी व्यापारियों के लिए नया मार्ग
खोजना एक चुनौतीपूर्ण था तब खोज में व्यापारियों व वैज्ञानिको ने पाया कि यदि लाल सागर को भूमध्य सागर
से जोड़ दिया जाए तो व्यापार का मार्ग यूरोप से एशिया तक बहुत ही छोटा हो जाएगा और व्यापार करने की
असुविधा पूर्णता समाप्त हो जाएगी और व्यापार के घाटे से भी बचा जा सकेगा वहां से एक नहर बनाने की
कल्पना मस्तिष्क में आई एक ऐसी नहर जो लाल सागर को भूमध्य सागर से जोड़ती हो जिसका नाम स्वेज़ नहर
दिया गया जिसके सहारे आज दुनिया का सबसे ज्यादा व्यापर होता है अत स्वेज नहर एक मील का पत्थर
साबित हुई
स्वेज नहर (suez cannel) कब बनाई व किसने बनाई -
स्वेज़ नहर का निर्माण 1858 में किया गया था जोकि फ्रांसीसी इंजीनियर
फॉर्डिंड द लेपिस ने करवाया था
आप देख रहे है -
स्वेज नहर (suez cannel) की लम्बाई तथा चौड़ायी -
स्वेज नहर (suez cannel) की लम्बाई 168 किलोमीटर तथा चौड़ायी 60 मीटर है
स्वेज नहर की चौड़ायी अत्यंत काम है अतः इससे दिनभर में लगभग 24 - 25 जहाज निकल पाते
अतः फिर भी यह व्यापर की द्रिष्टि से अत्यंत आवश्यक है
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