what is sun ! सूर्य की सम्पूर्ण रोचक जानकारी इन हिंदी

what is sun ! सूर्य की सम्पूर्ण रोचक जानकारी इन हिंदी

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हमारे अखण्ड ब्रह्माण्ड में सूर्य का आकर लगभग नगण्य है किन्तु हम जब सौरमंडल की बात करे तो सूर्य सौरमंडल का 99 % से भी ज्यादा भाग सूर्य में समहित है तभी तो सूर्य सौरमंडल का मुखिया है

इस आर्टिकल में हम सूर्य से related ऐसे तत्व आपके साथ साझा करेंगे जो आपको हमेशा काम आएंगे अतः आप आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े आपको अत्यधिक रोचक तत्त्व प्राप्त होंगे
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      सौरमंडल का मुखिया सूर्य हमारी मंदाकिनी दुग्ध मेखला के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक कोने में स्थित है
what is sun ! सूर्य की सम्पूर्ण रोचक जानकारी इन हिंदी---
  1.  हमारे सौरमंडल या आकाशगंगा अथवा मंदाकिनी के अरबों तारो में से सूर्य भी एक प्रमुख तारा है सूर्य पृथ्वी के निकट स्थित एक तारा है सूर्य हमारे सौरमंडल का प्रमुख तारा है
  2.   सूर्य आठ ग्रह का मुखिया है सभी ग्रह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं क्योकि सूर्य का द्रव्यमान बहुत ही अधिक है अतः गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी बहुत ज्यादा है 
  3.  सूर्य  जैसे कई तारे ब्रह्मांड में मौजूद हैं उनकी संख्या अरबों खरबों में है जिनमें कई के अलग अलग सौरमंडल भी है 
  4.  पृथ्वी से सूर्य की औसत दूरी  14.98 करोड़ किलोमीटर है  दूरी के हिसाब से सूर्य  के नजदीक पृथ्वी तीसरा ग्रह माना जाता है  सूर्य से पृथ्वी तक की दूरी को अथार्त 14.98 करोड़ किलोमीटर को एक खगोलीय मात्रक (AU ) भी कहते हैं
  5.  सूर्य का व्यास लगभग 1392000 किलोमीटर है जोकि बहुत ही विस्तृत है 
  6.  सूर्य का आकार पृथ्वी की तुलना में  109 गुना ज्यादा है  तथा सौर मंडल के सभी ग्रहों को मिला दिया जाए तो सूर्य का मात्र 1% भाग ही ढक सकते हैं
  7.  वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य का द्रव्यमान लगभग 2 * 10 की पावर 27 टन है जो सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का 99.85 %  है
  8.  सूर्य के क्रोड का तापमान 20 से 15 मिलियन  डिग्री सेल्सियस मापा गया है  जोकि अत्याधिक ज्यादा है 1million = १० lakh 
  9.  क्या आप जानते हैं सूर्य  भी अपनी धुरी पर घूमता है और 25 दिन में अपनी धुरी पर एक बार घूम जाता है
  10.  Sun  की आयु कितनी है तो हम आपको बता दें सूर्य की आयु 5 अरब वर्ष है
  11.   सूर्य की जीवन अवधि लगभग 5 बिलीयन वर्ष  है
  12.  सूर्य की सतह में कुछ धब्बे दिखाई देते हैं इन्हें सूर्य कलंक कहा जाता है इनका तापमान लगभग 1500  डिग्री सेल्सियस तक रहता है
  13.  सूर्य के फोटो स्फीयर  अर्थात प्रकाश मंडल का तापमान की बात करें तो है लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस तक रहता है
  14.  सूर्य में ऊर्जा उत्पत्ति का कारण नाभिकीय संलयन अभिक्रिया है जिससे सूर्य में विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है  सूर्य में हाइड्रोजन और हाइड्रोजन से H2 का निर्माण  होता है अतः  सूर्य में H2 की मात्रा सर्वाधिक है यह लगभग 71% है
  15.  इसके साथ ही सूर्य के संगठन में 71% हाइड्रोजन 26% हीलियम तथा ढाई प्रतिशत अन्य तत्व मौजूद हैं
  16. सूर्य सौरमंडल का मुखिया कहा जाता है क्योंकि पहले सौर मंडल के सभी ग्रह और उपग्रह आदि सभी की  ऊर्जा का स्त्रोत है सूर्य !  यह ऊर्जा को दृश्य प्रकाश अदृश्य अवरक्त किरणों  रेडियो किरणे   आदि के रूप में उर्जा उत्पन्न करता रहता है  सूर्य  की तीन परतें होती हैं  क्रोड , वर्णमण्डल या प्रकाशमंडल तथा केरोना 
  17.  सूर्य की दीप्तिमान परत या सर्वाधिक चमकीली परत प्रकाश मंडल या फोटोस्फीयर कहा जाता है  इसी का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस होता है   यह सूर्य की सर्वाधिक चमकीली बाह परत है यह 300 किलोमीटर तक फैली है इस परत के चारों ओर एक बाहरी भाग है जिसे वर्णमण्डल  कहा जाता है वास्तव में यह जल्ती  गैसों की एक पतली परत है  वैसे तो वर्ण मंडल और प्रकाश मंडल को एक साथ बोलते हैं वर्ण  मंडल प्रकाश मंडल से इस प्रकार ही भिन्न है क्योंकि वर्ण  मंडल का रंग अधिक  लाल  दिखाई देता है
  18.  केरोना सूर्य कि वह परत है जो सूर्य ग्रहण के समय स्पष्ट रूप से दिखाई देती है यह X  किरणे उत्सर्जित करती है अतः इसी कारण से सूर्य ग्रहण के समय घर के बाहर निकलने से मना किया जाता है केरोना को  सूर्य की मुकुट कहा जाता है सूर्य ग्रहण के समय केरोना  से प्रकाश की प्राप्ति होती है अथार्थ यह चमकती दिखाई देती है 
  19.  सूर्य का क्रोड सूर्य का सबसे मध्य भाग को कहा जाता है इसका तापमान 15 से 20 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक रहता है जोकि बहुत ज्यादा है 
  20.  सूर्य एकअत्यधिक तापमान वाला  गैस का गोला है अतः सूर्य में निरंतर गैसों की लपटें उठती रहती हैं जिन्हें सौर ज्वाला या प्रोमाइनेंस कहा जाता है
  21.  सौर ज्वाला सूर्य के अतिरिक्त अन्य सौरमंडल में अधिक दूरी तक फैलने लगती हैं तब ईसे सौर आंधी भी कहा जाता है
  22.  सूर्य की कोरोना परत  से बाहर की ओर प्रवाहित होने वाली प्रोटोन की धाराओं को सौर पवन या सोलर विंड के नाम से भी जाना जाता है  इनका निर्माण पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा अर्थात अत्यधिक तापमान पर गैसों के आयनीकरण  से हुआ है आप जानते ही होंगे प्लाज्मा पदार्थ की वह अवस्था है जब जैसा का तापमान बहुत अधिक हो जाता है और ये आयनित हो जाती हैं तो उसे पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा के नाम से जाना जाता है
  23.   हम आपको यह भी बता दें कि सूर्य की केरोंना में स्थित काली रेखओ  को frownn हॉपर  रेखाओं के नाम से जाना जाता है
  24.  आपके दिमाग में यह प्रश्न भी उठा होगा कि काले धब्बे तथा plages  किसे कहते हैं अथार्त plages  यह क्या है तो हम आपको बता दें सुर में स्थित चमकीले धब्बों का नाम plages कहा जाता है जबकि  सूर्य  में स्थित काले धब्बे को ही सौर कलंक या सनस्पॉट के नाम से जाना जाता है  सूर्य में जब यह धब्बे उत्पन्न होते हैं तो इनका तापमान सूर्य के आसपास के तापमान से लगभग डेढ़ हजार डिग्री सेल्सियस तक कम पाया जाता है  सौर कलंक या sun स्पॉट कि अवधि  कुछ समय के लिए नहीं अपितु कई  दिनों से लेकर कई माह तक की होती है प्रत्येक सौर कलंक के मध्य भाग को umbra तथा प्रकाशित भाग को penumbra  नाम से भी पुकारते हैं  कहां जाता है की जब सौर कलंक या सौर धब्बे उत्पन्न नहीं होते हैं तब सूर्य का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है सौर कलंक का बड़ा असर अथवा पृथ्वी की जलवायु पर गहरा प्रभाव पड़ता है एक सूर्य कलंक का चक्र जों कई  वर्ष का होता है सूर्य कलंक या  की सूर्य कलंक का चक्र में सूर्य में धब्बो की संख्या घटती बढ़ती रहती है  आपको यह  बता दें कि सूर्य कलंक या SUN स्पॉट  का एक पूर्ण चक्र 22 वर्षों का होता है तो उसमें  11 वर्षों तक यह धब्बे बढ़ते है तथा अगले 11 वर्षों तक यह धब्बे घटते  है
  25.  तथा जिस समय सूर्य का धब्बा दिखाई देता है तो उस समय पृथ्वी पर चुंबकीय झंझावात मैग्नेटिक स्टोन उत्पन्न होने की घटना होती है चुंबकीय झंझावात में बिजली चलित मशीन टेलीविजन आदि में   गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है  आता कई बार हमने खुद अपने टेलीविजन पर यह महसूस किया होगा
  26.  हम आपको ऊपर सौर ज्वाला  के बारे में बता चुके हैं आपको यह भी बता दें कि सौर ज्वाला सूर्य की सतह से देखती हुई गैसों  का हजारों किलोमीटर ऊपर उठते हुई बवंडर है  जैसे सौर ज्वाला  के नाम से जानते हैं  हमारी पृथ्वी का वॉन एलएस  पट्टी जिसे चुंबकीय मंडल के नाम से भी जाना जाता है सूर्य से आने वाले सौर ज्वाला को विचलित कर हमारी सुरक्षा कवच का कार्य करती है  सौर ज्वाला  को उत्तरी ध्रुब  पर औरोरा बोरियलिस पर दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा ऑस्ट्रेलस के नाम से भी जाना जाता है
  27.  क्या आप जानते  हैं प्रश्न पूछा जाता है कि  उत्तरी ध्रुबी ज्योति  और दक्षिण ध्रुबी  ज्योति क्या होती है तो हम आपको बता दें कि  ध्रुबी  ज्योति पृथ्वी पर उतरिगोलार्द्ध  में चमकने वाली रंगीन प्रकाश को उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव ज्योति के नाम से जाना जाता है जिसे दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणी ध्रुबी ज्योति के नाम से जाना जाता है  
  28.  क्योंकि हम जानते हैं कि उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक महासागर स्थित है अतः उत्तरी  ध्रुब  ज्योति आर्कटिक महासागर पर दिखाई देती है तथा दक्षिणी ध्रुबी ज्योति  पृथ्वी पैर अंटार्टिका  महासागर या महादीप पर दिखती  है 
  29.  सूर्य द्वारा दिया गया प्रकाश का  पृथ्वी को मात्र दो अरब बा भाग मिलता है उसमे से भी 15% भाग पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा परावर्तित कर दिया जाता है 

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