ज्वार भाटा (jwar bhata) क्या होता है और कैसे आता है?

          ज्वार भाटा क्या होता है और कैसे आता है? -     

ज्वार भाटा-   

ज्वार भाटा  (jwar bhataसूर्य और चंद्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण

 पृथ्वी के जल का ऊपर उठना और नीचे गिरने की प्रक्रिया को ज्वार भाटा 

कहते हैं  ज्वार भाटा शब्द दो प्रमुख शब्द ज्वार और भाटा से मिलकर बना है

 ज्वार भाटा शब्द में ज्वार का अर्थ है कि पृथ्वी पर समुद्री अथवा सागरीय

 जल के ऊपर उठने की प्रक्रिया और भाटा शब्द का अर्थ है समुद्री जल

 के पीछे लौटने की प्रक्रिया ये  दोनों प्रक्रिया को मिलाकर ज्वार भाटा  

कहते हैं

  वास्तव में ज्वार-भाटा  प्रतिदिन आते रहते हैं  किन्तु अमावस्या और 

पूर्णिमा के दिन सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक ही दिशा में होते हैं  और  ऐसा 

महीने में दो बार होता है पूर्णिमा और अमावस्या के दिन  उच्च

 ज्वार भाटा आते हैं  बढ़ा ज्वर और छोटा ज्वार  के बीच लगभग 7 दिनों 

का अंतर पाया जाता है  पृथ्वी पर प्रति-दिन छोटे बड़े ज्वार भाटा आते

रहते है 


दुनिया में प्रतिदिन हर 6 घंटे 13 min. के बाद ज्वार भाटे आते रहते है इंग्लैंड

 के दक्षिणी तट पर एक ऐसा स्थान है जहाँ प्रतिदिन दिन में 4 बार ज्वार भाटा

 आता है   


ज्वार भाटा क्या होता है और कैसे आता है ज्वार

 भाटा का वाणिज्यिक उपयोग - 

ज्वार भाटा किया जाता है ज्वार भाटा  के वजह से  वैज्ञानिकों द्वारा बिजली 

भी बनाई जाती है ज्वार भाटा से जहाज में किसी स्थान से दूसरे स्थान तक 

माल पहुंचाए जाते हैं जैसे-कि गुजरात पश्चिम बंगाल में ज्वारीय बंदरगाह हैं 

यहां ज्वार आने पर जहाज समुद्री तटों पर जल के बहाव के साथ  आ जाते 

हैं और जहाजों में माल भर दिया  जाता है पर वही भाटा आने पर पानी के 

साथ जहाज चले जाते हैं अतः आज ज्वार-भाटा का भी वाणिज्यिक उपयोग

 भी हम करते है 

Que. विश्व का सबसे उच्चा ज्वार भाटा कहाँ आता है क्या आप बता सकते है ?
Ans. - विश्व का सबसे ऊंचा ज्वार भाटा कनाड़ा के नवासकोसिया में स्थित

 फंडी की खाड़ी में आता है वास्तव में यह बहुत बढ़ा ज्वार होता है यहां  एक

 बार की ऊंचाई 15 से 16 मीटर तक पहुंच जाती है क्योंकि वहां पर दो उच्च

 ज्वार एवं दो निम्न ज्वार हर रोज आते रहते हैं और प्रतिदिन दो बार आते हैं

एक बार तो 
चंद्रमा के आकर्षण के प्रभाव के कारण तथा दूसरी बार पृथ्वी
 
द्वारा लगाए  जाने वाले अपकेंद्रीय बल (अपकेंद्रीय बल केंद्र से बाहर की
 
ओर लगा बल) के कारण आते हैं  ज्वार भाटा से समुद्र का जल तटों को छू
 
जाता है और समुद्र के विभिन्न प्रकार के खनिज रत्न जैसे- मोती, मछली,

 सीप  समुद्र के तटों पर आ जाते हैं ज्वार भाटा का बहुत ज्यादा व्यबसाय क्षेत्र

 में उपयोग किया जाता है 

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