ज्वालामुखी क्या है ये कितने प्रकार के होते हैं : Volcano

  आज के इस आर्टिकल  में हम ज्वालामुखी क्या है  और उनके प्रकार को भी जानेगे आप पूरा आर्टिकल जरूर पढ़े ताकि ज्वालामुखी या वोल्केनो से सम्बंधित कोई जानकारी आप मिस न कर पाए 

 ज्वालामुखी क्या है : What is Volcano

ज्वालामुखी भूपटल अथवा पृथ्वी की सतह पर वह प्राकृतिक दरार अथवा प्राकृतिक छेद है जिससे

 होकर पृथ्वी के अंदर गर्मी के कारण दबी  हुई चट्टानों का राख तथा लावा  एक वृत्ताकार आकृति से

 होकर बाहर निकलती हैं  

जिस गोल आकृति से होकर यह बाहर निकलती है उसे ज्वालामुखी का छिद्र 

  कहा जाता है  ज्वालामुखी से निकलने वाली गैस मुख्यता वास्प  अवस्था में होती हैं तो कुछ लावा की मात्रा

 जिसे सिंडर  कहा जाता है ठंडा होकर छोटी छोटी क्रिस्टलो  में बदल कर बिखर जाता  है


 ज्वालामुखी का वर्णन


  ज्वालामुखी शंकु

ऐसी संरचना होती है जब  ज्वालामुखी का लावा छिद्र से  निकलकर  ज्वालामुखी  के चारों ओर जमा हो जाती हैं तो एक फोड़े जैसी अथवा  शंकु जैसी संरचना बनती है जिसे ज्वालामुखी शंकु कहा जाता है
  

ज्वालामुखी छिद्र -


               ज्वालामुखी छिद्र ज्वालामुखी  शंकु के लगभग बीचो-बीच स्थित होता है इसमें से ही अधिकतम लाबा

 या अन्य वाष्पशील पदार्थ निकलते है कई हानिकारक गैसे  एवं अन्य पदार्थ इससे होकर निकलते हैं

 ज्वालामुखी मुख -


                     ज्वालामुखी मुख , ज्वालामुखी की ऐसी आकृति होती है  जो मुख्य  रूप से ज्वालामुखी के मध्य

में  बनती है जबकि ज्वालामुखी का छिद्र  साधारण से बड़ा होता है तो उसे ज्वालामुखी का मुख्य कहा जाता है

 ज्वालामुखी नली -


                 ज्वालामुखी मुख तथा धरातल को जोड़ने का काम  करती  है जो ज्वालामुखी के मुख  को धरातल के

 निचले स्तर से जोड़ती है इसेसे जो नली बनती है उसे ज्वालामुखी नली कहते है

क्या आप जानते है  लावा और मैग्मा में क्या अंतर है ?
 ज्वालामुखी मुख  से होकर बाहर निकलने वाला गर्म पदार्थ मैग्मा कहा जाता है जब यह मैग्मा धरातल पर 
पहुंचकर ठंडा हो जाता है तो उसे  लावा  कहा जाता है

 ज्वालामुखी पर्वत -


                       ज्वालामुखी पर्वत का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के समय निकले  लावा  एवं हानिकारक पदार्थो के  निरंतर निकलने और  जिनका और ठंडी होने के फलस्वरूप जम जाने से होता है इन पर्वतों की आकृति सामान्यता शंकु  के सामान होती  है इसका सबसे ऊपरी भाग में  गढा  भी पाया जाता है जिसे क्रेटर भी  कहते हैं

 संयुक्त राज्य अमेरिका में माउंट रेनियर, अफ्रीका  में किलिमंजारो , हुड  और शास्त्रा , जापान में फियूजियमा में

एंडीज पर्वत माला पर स्थित कोटोपैक्सी, चिल्ली का एकांकगुआ  आदि ज्वालामुखी पर्वत के उदाहरण हैं




ज्वालामुखी के उद्गार की अवधि के अनुसार निम्नलिखित तीन प्रकार से किया है-

ज्वालामुखी के प्रकार ( Volcano Types ):



  प्रसुप्त ज्वालामुखी,
शांत ज्वालामुखी
 तथा सक्रिय ज्वालामुखी


  प्रसुप्त  ज्वालामुखी-


प्रसुप्त  ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी होते हैं जिनका पिछले कई  हजारों वर्षों से उद्गार नहीं हुआ  है लकिन  निकट

 भविष्य में उद्गार  होने की संभावना व्यक्त की गई है ऐसे ही प्रमुख प्रसुप्त ज्वालामुखी हैं

जैसे-की भूमध्य सागर में स्थित वसुवियस ज्वालामुखी, क्राकटोबा ज्वालामुखी , जापान में स्थित फुजियमा

 ज्वालामुखी आदि प्रसुप्त  ज्वालामुखी में आते है अथवा आदि प्रसुप्त ज्वालामुखी के जीता जागता उदाहरण है

  शांत ज्वालामुखी-


                   शांत ज्वालामुखी शांत ज्वालामुखी प्रसुप्त ज्वालामुखी से  इस  प्रकार भिन्न है कि विश्व के प्रसुप्त

   ज्वालामुखी में निकट भविष्य में ज्वालामुखी उद्गार के कोई संभावना है

 जबकि शांत ज्वालामुखी में निकट भविष्य में  ज्वालामुखी उद्गार  की संभावना बिल्कुल भी नहीं है दुनिया में शांत

  ज्वालामुखी है  जैसे -
                     ईरान  स्थित देवबंद तथा कोंहसुल्तान ज्वालामुखी , म्यांमार में स्थित पोपा ज्वालामुखी दक्षिण

 अमेरिका में स्थित चिबराजो  ज्वालामुखी इसके जीते जाते  हैं शांत ज्वालामुखी सक्रिय ज्वालामुखी के अप्रभावी

 होने के कारण बन जाते हैं


 सक्रिय ज्वालामुखी -

           सक्रिय ज्वालामुखी  वे  ज्वालामुखी होते हैं जिनमें सामान्यता हर समय   निरंतर उद्गार होता  रहता है या

उद्गार की सम्भावना बानी रहती  है और ज्वालामुखी कुछ कुछ वर्षों के अंतराल के बाद  भयंकर विस्पोट

भी करते रहते हैं

 एक आंकड़े के मुताबिक माना जाए तो अभी वर्तमान में संपूर्ण विश्व में सक्रिय ज्वालामुखी की संख्या 500 से भी

 ज्यादा है   विश्व का सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी कीयालू हवाई दीप अमेरिका में स्थित है  उत्तर अमेरिका

 महादीप में भी मेक्सिको के निकट कालिमा  ज्वालामुखी बहुत ही सक्रिय ज्वालामुखी है इसमें लगभग 40 बार से

 अधिक   भयंकर विस्फोट हो चुका है  सक्रिय ज्वालामुखी के अंतर्गत एक ज्वालामुखी बहुत ही प्रमुख है क्या

 आप जानते हैं भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ किसे कहते हैं  अरे हम बता देते हैं स्ट्रांमबोली ज्वालामुखी को

 भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ कहते हैं यह  ज्वालामुखी से लावा सदा निकलता रहता है ब भूमद्य सागर को

 लगातार प्रकाशित करता रहता है  विश्व में सक्रिय ज्वालामुखी का अधिकांश भाग प्रशांत महासागर के चारों ओर

एक  व्रत  के  रूप में पाई जाती है जिसे अग्नि बलय अग्नि मेंखला या  रिंग ऑफ फायर कहते हैं

साधरणता  ज्वालामुखी वहां बनते हैं जहां पर पर्वत निर्माण की क्रिया होती है

 क्या आप जानते हैं ऐसा कौन सा ऐसा महाद्वीप है जिसमें एक भी ज्वालामुखी नहीं है ?

चलो हम बताते हैं  ऑस्ट्रेलिया एक मात्र ऐसा महादीप है जिसमें अभी तक एक भी ज्वालामुखी का पता नहीं चला है

सबसे ऊंचाई पर स्थित शांत ज्वालामुखी कौन सा है

 एकांकागुआ ज्वालामुखी विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित शांत ज्वालामुखी है जिसकी ऊंचाई 6907 मीटर है  जो

एंडीज पर्वत माला पर स्थित है

 लेकिन विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी  ओजस डेल सालडो  है वह भी एंडीज पर्वत माला

पर स्थित है जो समान्याता  अर्जेंटीना चिली  देशों की सीमा के बीच स्थित है


 विश्व का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी है जिसकी ऊंचाई लगभग 19613 फुट दर्ज की गई है यह

इक्वाडोर के निकट स्थित है

 ज्वालामुखी से संबंधित आए तत्व -

  गेसर -   

कई सक्रिय ज्वालामुखीयो से लावा गैसे , धुआँ आदि ज्वालामुखी से निकलते रहते है जिसे गेसर कहा जाता है

एक प्रमुख गीजर का उदाहरण है- अमेरिका के येलो स्टोन पार्क में स्तिथ ओल्ड फैथ्फुल गेसर जो विश्वा पर्यटन में

 प्रमुख है

 ज्वालामुखी क्रिया के फलस्वरुप लावा के धंदा होकर जमने से बानी चटानो को  आग्नेय  चट्टान कहा जाता है ये

 मुख्ता  काली मिट्टी की चट्टाने होती है


 लकोलिथ -
                   जब मेग्मा ऊपर की ओर निकलकर बहार  की ओर निकला  करता है तो एक गुम्बद आकृति के

 रूप में जमने  लगता है तो इसे लकोलिथ  नाम दिया जाता है लावा से निर्मित यह आकृति जो  कि ऊपर उठने के

 कारण यह आकृति एक छतरी के समान दिखाई देती है


 उत्तरी अमेरिका महादीप में भारी संख्या में लकोलिथ मौजूद हैं


 धुआरे -  

 धुआरे ज्वालामुखी क्रिया के अद्व्भुत अवस्था के दर्शन कराता है जब ज्वालामुखी से लावा इत्यादि

  पदार्थ निकल जाते हैं तो कुछ मात्रा में गैसे  शंकु में से  निकलती  रहती  है  जिसे धुआँरे  कहा जाता है

 ईरान  की कोहसुल्तान तो  विश्व में प्रसिद्ध है वह अमेरिका के अलास्का के कटमइ  पर्वत को हजारों  धुआरे की

घाटी के नाम से जाना जाता

 ज्वालामुखी की व्याख्या प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत द्वारा की जा सकती है यह सिद्धांत यह बताता है कि पिलेटो के

 टकराने अथवा पिलेतो के बीच  अपसारी या अभिसारी गति के कारण ये  एक दूसरे के नीचे दब जाती है या दूसरे

 से दूर जाती है तो ज्वालामुखी उद्गार होता है

 इसका उदाहरण है सभी महाद्वीपों की किनारों पर  ज्वालामुखी  का सहयोग और पर्वतों का सहयोग देख

 सकते हैं  विश्व में कई ऐसे पर्वत हैं इनका निर्माण बड़े-बड़े ज्वालामुखी के फटने के परिणाम स्वरुप ही हुआ है

 और विश्व में कई ऐसे पर्वत हैं जो ज्वालामुखी निर्माण के लिए उत्तरदायी है 

 जब कोई पर्वत अपना ज्वालामुखी के क्रेटर या ज्वालामुखी के मुख बाले  क्षेत्र में जब जल भर जाता है तो  झील

 बनती है तो ऐसी झील को ज्वालामुखी झील कहते हैं

 दुनिया के समक्ष ज्वालामुखीयो की चुनौतियां जब ज्वालामुखी फटता है तो कई शहर के शहर तबाह हो जाते हैं

 कई लोग मारे जाते हैं प्राकृतिक संपत्तियों के साथ-साथ मानव निर्मित विभिन्न संपत्तियों को भी छति पहुंचत जाती

 हैं  कई  संपत्तियों का विध्वंस हो जाता है

 अतः हम सोच सकते हैं इस प्रकार ज्वालामुखी कितने विध्वंशकारी हो सकते है

  ज्वालामुखी विस्फोटों की समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने एक कार्यक्रम चलाया जिसमे डॉ एपीजे

अब्दुल कलाम को भी निमंत्रण किया गया और उसे  समस्या के लिए अपने विचार विमर्श करने को कहा गया कि

 ज्वालामुखी के आग कि समस्या से कैसे निपटा जाये  डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि जिस प्रकार से

  गर्भ से पैदा हुआ बच्चा पुना माँ के गर्व में  प्रवेश नहीं कराया जा सकता उसे  प्रकार पृथ्वी के गर्भ से निकली

 आग को पुना पृत्वी में भेजना मुश्किल है अत  प्रयोग असफल हुआ

ज्वार भाटा          आर्कटिक महासागर        जल सरक्षण 

Volcano FAQ :


 कोटोपैक्सी  ज्वालामुखी पर्वत की ऊंचाई कितनी है

 कोटोपैक्सी ज्वालामुखी पर्वत की ऊंचाई 5897 मीटर है यह एंडीज पर्वत श्रेणी का हिस्सा है यह इक्वाडोर देश में स्थित है
 विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखी पर्वत मुझे साला दो की ऊंचाई कितनी है तथा यह कौन से देश में स्थित है

 विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखी पर्वत ओज़ोस डेल सैलेडो की ऊंचाई 6885 मीटर है यह एंडीज पर्वत श्रेणी का

 हिस्सा है एवं वह अर्जेंटीना बचने की सीमा बनाता है

 भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ कहे जाने वाले स्ट्रांबोली ज्वालामुखी पर्वत की ऊंचाई कितनी है

 जी हां भूमध्य सागर के प्रकाश स्तंभ के नाम से जाने जाने वाले स्ट्रांबोली पर्वत की ऊंचाई 926 मीटर है यह आइसलैंड का हिस्सा है

 विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत कौन सा है

 गुअल्लातिरि  ज्वालामुखी पर्वत जिसकी ऊंचाई 6060 मीटर है यह एंडीज पर्वतमाला का हिस्सा है विश्व का दूसरा
सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत है यह चिली देश में है

 संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्गत आने वाला हवाई दीप समूह का प्रमुख ज्वालामुखी अथवा ज्वालामुखी पर्वत कौन सा है
 इसका नाम है वह मोनलोआ इसकी ऊंचाई 4170 मीटर है

 माउंट एटना ज्वालामुखी कहां स्थित है

 माउंट एटना ज्वालामुखी इटली  में क्या स्थित है यह  3308 मीटर ऊचा है

 किलिमंजारो ज्वालामुखी कौन से देश में स्थित है

 अफ्रीका का  एक प्रमुख ज्वालामुखी है यह तंजानिया देश में स्थित है

 भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है उसका नाम बताइए  तथा वह कहां स्थित है

 भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरन  अंडमान निकोबार दीप समूह में स्थित है यह भारत का एकमात्र

सक्रिय ज्वालामुखी है

 भारत में स्थित प्रमुख ज्वालामुखी गेसर के नाम बताइए

 भारत में प्राकृतिक संपदा से संपन्न देश रहा है भारत में  कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां ज्वालामुखी गेसर पाए जाते है इनमे प्रमुख है

 बिहार में राजगीर क्षेत्रों का नाम है भारत में सोना जो कि हरियाणा राज्य में है तो पुंगा  जो कि भारत का केंद्र

 शासित प्रदेश लद्दाख में आता है आदि भारत  में आने वाले  प्रमुख  गीजर प्रमुख है
                 
                                    

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