वायुमंडल की परते और उसका संगठन - Atmosphere in hindi

वायुमंडल किसे कहते है वायुमंडल की परते और संगठन - Atmosphere in hindi


 आप वायुमंडल और उसका संगठन आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आपको इस आर्टिकल के संबंध में जानने की रुचि है अतः आपसे आशा है कि आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़ेंगे

 हमारे सौरमंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर वायुमंडल, स्थलमंडल, तथा जल मंडल  संतुलित अवस्था में मौजूद हैं जिससे एक नया मंडल जैव मंडल  का उदय संभव हो सका है यह सभी मंडल एक दूसरे को किसी ना किसी रूप में प्रभावित जरूर करते हैं 
जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने पर पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है ग्लेशियर पिघलते हैं और जल मंडल में जल का स्तर अपने आप बढ़ने लगता है यदि जल मंडल में  प्रदूषण हो जाए तो जीवमंडल पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है क्योंकि समुद्र में पाए जाने वाले शैवाल , लाइकेन अथवा समुद्री घास नष्ट हो जाती है जिससे समुद्री जीवो का भोजन खत्म हो जाता है वे या तो पलायन कर जाते हैं या वही खत्म हो जाते हैं 
वायुमंडल किसे कहते है वायुमंडल की परते और संगठन - Atmosphere in hindi
वायुमंडल की परते और उसका संगठन - Atmosphere in hindi


अतः उपरोक्त विवेचना से स्पष्ट है कि सभी मंडल एक दूसरे को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित जरूर करते हैं फिर भी इनका कुछ मानदंडों के आधार पर अलग अलग अस्तित्व जरूर है

वायुमंडल क्या है व इसका संघठन कैसा है 


वायुमंडल पृथ्वी के 4 मंडलो  में से एक प्रमुख मंडल है वायुमंडल जैवमंडल  के लिए में अति महत्वपूर्ण है क्योंकि वायुमंडल में 78 % नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य गैसे विभिन्न मात्रा में पायी जाती है 
ऑक्सीजन जहाँ प्राणियों के लिए जीवनदाई गैस है वही नाइट्रोजन जीव जगत की वृद्धि के लिए आवश्यक है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अल्पमात्रा  पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हेतु अति आवश्यक है 

विभिन्न मानदंडों के अनुसार वायुमंडल को हम पांच भागों में बांटते हैं 

1. क्षोभमंडल 
2. समतापमंडल 
3. मध्यमंडल 
4. आयनमंडल 
5. बह्माण्डल 

1.  क्षोभमंडल क्या है इसका महत्व समझाओ 

क्षोभमंडल का सभी मंडलो में अति महत्वपूर्ण स्थान है पृथ्वी तल से इसकी ऊंचाई 8 से 18 किलोमीटर है धुर्वो पर क्षोभमंडल की ऊंचाई लगभग 8 किलोमीटर तथा भूमध्य रेखा पर क्षोभमंडल की ऊंचाई 18 किलोमीटर है 
इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं 

 वायुमंडल के यही भाग क्षोभमंडल में प्राणी और जीव जंतु जगत सांस लेता है क्षोभमंडल में ही सभी मौसमी घटनाएं जैसे  बरसा बूंदा-बांदी  आदि घटित होती है क्षोभमंडल में प्रति 1000 मीटर की ऊंचाई तक लगभग साढ़े 6 डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो जाता है ताप का इस तरह कम होना को सामान्य ताप पतन दर कहते है क्षोभमंडल की यही सबसे प्रमुख विशेषताएं  है | 

 2. समतापमंडल 

 समताप मंडल वायु मंडल की दूसरी परत  है जो 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली है इसकी प्रमुख विशेषताएं व महत्व इस प्रकार हैं 
समताप मंडल मौसमी संबंधित सभी घटनाओं से लगभग मुक्त रहता है इसलिए यह परिस्थिति हवाई जहाज उड़ाने हेतु उपयुक्त रहती है अतः हवाई जहाज उड़ाने हेतु समतापमंडल का प्रयोग किया जाता है 
समतापमंडल में ही अधिकांश ओजोन गैस पाई जाती है जो 310 नैनोमीटर से कम तरंगधैर्य वाली सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को लगभग 93 से 95 % भाग अवशोषित कर लेती  है 
और जैव  जगत को कई गंभीर बीमारियों से बचाती है जैसे त्वचा का कैंसर बीजों का अंकुरण ना होना पौधों की वृद्धि रुकना आदि

क्षोभमंडल और समताप मंडल वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं वायुमंडल में पाई जाने वाली कुल वायु का लगभग 99% भाग 32 किलोमीटर अर्थात समताप मंडल तक ही पाया जाता है यद्यपि वायुमंडल लगभग 10,000 किलोमीटर तक विस्तृत है 
इस विस्तार में सिर्फ हल्की गैसों की पतली परते ही तैरा करती  हैं क्षोभमंडल और  समताप मंडल में 10 से 50 किलोमीटर के दायरे में लगभग वायुमंडल की 91 % ओजोन गैस  पाई जाती है ओजोन गैस की इस अधिकता के कारण इसे  ओजोन परत भी कहा जाता है 
इसकी खोज फेब्री चाल्स और हेनरी बुसोन ने की थी डोबसन ने  इसका विस्तृत अध्ययन किया इसलिए इसकी इकाई डोबसन रखी गई 

वायुमंडल में जलवाष्प की औसत मात्रा शून्य से 4 % पाई जाती है जिसका 99% भाग सिर्फ 0 से 5 किलोमीटर के दायरे में ही पाया जाता है



 मध्य मंडल 

मध्य मंडल का विस्तार लगभग 62 किलोमीटर तक है इसकी सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि आकाश से गिरता हुआ कोई भी उल्कापिंड मध्य मंडल तक आते-आते नष्ट हो जाता है

आयनमंडल 

 आयनमंडल भी वायुमंडल का एक प्रमुख मंडल है जोकि 62-640 KM तक पाया जाता है इसकी प्रमुख महत्व्पूर्ण तथ्य निम्नलिखित है 
पृथ्वी से भेजी रेडियो तरंगे आयनमंडल से ही परावर्तित होकर वापिस आती है जिससे रेडियो टेलीविज़न आदि संचार के साधनो का संचार संभव हो सका है 
ऑरोरा ऑस्ट्रियालिस , ऑरोरा बोरियालिस अथार्थ उत्तरी धुर्वीय और दक्षिणी धुर्बीय ज्योति के नाम से भी जाना जाता है जोकि आयनमंडल की घटनाये है 

बह्माण्डल 


यह वायुमंडल  अंतिम परत है जोकि 640 किलोमीटर से प्रारम्भ होती है इस मंडल में सबसे हलकी जैसे तैरती रहती है 


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